मंगलवार, 14 जुलाई 2009

मेरी बात


ब्लोग की दुनिया में कदम रखते हुए एक अजीब खुशी है। इसे शब्द देने की कोशिश कर रहा हूँ । शब्द की सता बड़ी होती है । शब्द वह ब्रह्म है जिसकी ताकत से हर दिन एक नयी दुनिया बसाई जा सकती है। हमारी दुनिया भावनाओं की दुनिया होगी जहाँ रिश्तों की गाँठ मजबूत की जायेगी। इस स्लेट पर संबंधों की छाँव में पल दो पल कुछ अहसास शब्द बनकर उतरेंगे और मुझे पूरा भरोसा है एक दिन यही शब्द मेरे अनमोल खजाने की तरह हो जायेंगे। मैं एक मुसाफिर हूँ जो दुनिया के इस पर से उस पर और उस पार से इस आता जाता हूँ। मेरी इस यात्रा में भी कई ऐसे अनुभव हुए जिसने कभी आक्रोश तो कभी करुना से मेरा मन भर दिया। कुछ याद है कुछ भूल गया। कोशिश रहेगी की उन बातों को यहाँ आप सबके सामने रख दूँ। अब नियमित मुलाक़ात होगी। नमस्ते, प्रणाम, खुदा हाफिज, सतश्री अकाल एंड गुड मार्निंग । राहुल राय की ओरसे सबके प्रति आभार ।